Monday, June 11, 2012

कायरता के सभी गुणों से पूर्ण कोई बहादुर नही होता .....

खुले आकाश के पंछी को 
बनाना निशाना 
बहादुरी नही 
धर्म ध्वजा उठाकर चीखना 
बहादुरी नही 
निरुत्तर होकर
हाथ उठाना भी
नही है बहादुरी 


करों सामना लहरों का
तूफान से लड़ों
पिंजरे के  पंछी का
पंख काटना
बहादुरी नही
कायरता के सभी गुणों से पूर्ण
कोई बहादुर नही होता .....

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इक बूंद इंसानियत

  सपनों का क्या है उन्हें तो बनना और बिखरना है मेरी फ़िक्र इंसानों की है | कहीं तो बची रहे आँखों में इक बूंद इंसानियत तब हम बचा लेंगे इस धरती...